पथिक - लेखनी प्रतियोगिता -19-Jan-2024
पथिक
पथिक तो हम सभी हैं
अपने-अपने पथ के
सभी को मनचाही मंजिल मिले
यही कामना है दिल से
अपनी योग्यता का आकलन कर ले
भीड़ से पृथक - पथ अपना चुन ले
रुक ना जाना बीच राह में
निरंतर बढ़ता लक्ष्य पथ पे
कांटे मिलेंगे कदम कदम पे
अपने तलवे लोखंड के कर ले
चलना तो पड़ेगा तुझे
यूं बहाने बनाना अब छोड़ दें
हंसी ठहाके शब्द बाण चलाने वाले
इन सबको करारा जवाब दे डालें
अपनी दोनों मुठ्ठीयां बांध के
मंजिल पर विजय पताका फहरा डालें
चिंगारी को मशाल बना ले
बूंद बूंद से गागर भरे, कदम कदम से राह बना ले
गुमनामी में खोने से पहले
अपनी एक पहचान बना ले।
🙏🙏🙏🙏🙏
दिलावर सिंह
# प्रतियोगिता हेतु
Mohammed urooj khan
23-Jan-2024 01:19 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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नंदिता राय
21-Jan-2024 11:50 PM
Nice one
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Milind salve
21-Jan-2024 08:09 PM
Nice
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